About

अपना गांव रामचुआ

अपमा गांव रामचुआ बिहार राज्य के बांका जिला के अंतर्गत शंभूगंज प्रखंड में पश्चिम छोर पर स्थित है। जिसकी भौगोलिक स्थिति एवं सौन्दर्य किसी परिचय का मोताज नहीं है।

भौगोलिक स्थिति

ये गांव मां कृष्णाकाली भगवती तेलडीहा महारानी के अंक में पवित्र बडुआ नदी के तट पर अवस्थित ह। अपनी भौगोलिक स्थिति के वजह से सदैव आकर्षण का केंद्र रहा है। गांव के पश्चिम एवं उत्तरी भाग बडुआ नदी के तट मिलता है जो मुंगेर जिला के सिमा रेखा भी है। वास्तव में बडुआ नदी बांका और मुंगेर जिला को विभाजित करती है।

यहाँ की उर्पास भूमि सदियों से अपनी गृहस्त कृषको को पोसन करने में समर्थ है। वन्य सम्पदाओं से आच्छादित यह भूभाग सौन्दर्य के छेत्र में अपना अलग ही मानदेह स्थापित करता है। गांव के दक्षिणी भाग में अवस्थित खोजरी पहाड़ जहाँ बाबा घाटिनाथ विराजमान है। और स्वतंत्रता संग्राम के समय में यह सेनान्यों की सराणस्थिति भी रही है।

इस गांव के प्रवेश के लिए तीन मार्ग है। एक उत्तर दिशा में ,दूसरा उत्तर पश्चिम एवं तीसरा पश्चिम दिशा में है। यह गांव राज्य के मुख्य सड़क (जो बांका ,भागलपुर और मुंगेर को जोड़ती है ) 2.5 किलो मिटेर की दुरी पर तीनो मार्गों को जोड़ती है। गांव के उत्तरी छोर पे विशाल क्रीड़ा मैदान है जो नविन पीडियों के स्वास्थरक्षणों जो इनकी आजीविका में भी सहायक सिद्ध होती है। दक्षिणी दिशा में खेती योग्य जमीन के बीचों बिच एक नदी बहती है जो अल्वेला के नाम से जनि जाती है। नविन पीडियों के तैराकी का खुला प्रशिक्षण केंद्र है। जहाँ बचे तैराकी सीखते हैं। दोनों बांकी दिशा में पश्चिम और पूर्व उर्पास भूमि के साथ साथ बगीचों एवं जंगलों से अचछादित है।

सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक स्थिति

परिवर्तन के इस दौर में आज भी प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार के दिन गांव के मंदिरों में कुछ नवयुवक और बृद्ध जन भजन एवं कीर्तन में लिप्त मिल जाएंगे।दोपहर के खली समय एवं रात्रि विश्राम से पहले रामायण , महाभारत आदि की कथाओ का दौर यहाँ चलते रहना यहाँ की अपनी विषिश्ट विशेष्ताओं को दर्शाती हे। जिसमे बचे, बूढ़े एवं जवान लोगों की संलिप्तता सामान रूप से होती है। गांव में प्राचीन काल के मंदिरों के अलावा कुछ नए देवालयों का भी निर्माण हुआ है, जो सदैव हमें अपनी सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा करने और हमें कर्त्तव्य पथ पर अडिग रहने की प्रेरणा से लवरेज करती है।

यहाँ गांव के मध्य में एक विशाल काली माता का मंदिर है। जिसकी शक्ति एवं उपासना का अपना अलग ही महत्व है। यहाँ दो काली माता का मंदिर दो महादेव मंदिर(शिवालय) ,तीन बजरंगबली मंदिर , राजा हरदोलवली का स्थान एवं अन्य ग्राम देवताओं का स्थान हमारी धार्मिक ाशताओं को दर्शाती है।

इनके अलावा दो भव्य कुलदेवियों के मंदिरों का निर्माण अभी हाल ही में हुआ है। उनमे से जादोन वंश की कुलदेवी श्री कैला माता एवं भदौरिया वंश की कुलदेवी श्री भद्रकाली माता है। जिसकी स्थापना नविन स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है। पुरे बिहार राज्य में ये दोनों मंदिर अपने आप में एकलौता ही है। अर्थात किसी भी इन दो कुलदेवियों की स्थापना नहीं हुई है। जिनके कारन यह गांव इन दो राजपूत वंशो (जादोन ,भदौरिया ) के लिए विशिष्ट आकर्षण का केंद्र है।

इन दो राजपूत वंशों के अलावा यहाँ निवास करने वाले अन्य राजपूत वंशी भी इनकी पूजा और अर्चना में सामान रूप से सम्मलित होते हैं। जो हमारी समरसता एवं विशिष्ट एकता का परिचय देता है।

 

                                                                                                                                          लेखक

                                                                                                                                      शमशेर सिंह 

Tabs

A wonderful serenity has taken possession of my entire soul, like these sweet mornings of spring which I enjoy with my whole heart. I am alone, and feel the charm of existence in this spot, which was created for the bliss of souls like mine. I am so happy, my dear friend, so absorbed in the exquisite sense of mere tranquil existence, that I neglect my talents.

which was created for the bliss of souls like mine. I am so happy, my dear friend, so absorbed in the exquisite sense of mere tranquil existence, that I neglect my talents.

A wonderful serenity has taken possession of my entire soul, like these sweet mornings of spring which I enjoy with my whole heart. I am alone, and feel the charm of existence in this spot.

जिला परिषद
विधान परिषद्
प्रमुख
मुखिया
उप मुखिया
सरपंच
पंचायत समिति
किसान सलाहकार
हॉस्पिटल
लोकल डॉक्टर
एम्बुलेंस
मवेशी डॉक्टर
गाड़ी
थाना
पंडाल एवं अन्य

A wonderful serenity has taken possession of my entire soul, like these sweet mornings of spring which I enjoy with my whole heart. I am alone, and feel the charm of existence in this spot, which was created for the bliss of souls like mine. I am so happy, my dear friend, so absorbed in the exquisite sense of mere tranquil existence, that I neglect my talents.

A wonderful serenity has taken possession of my entire soul, like these sweet mornings of spring which I enjoy with my whole heart. I am alone, and feel the charm of existence in this spot, which was created for the bliss of souls like mine. I am so happy, my dear friend, so absorbed in the exquisite sense of mere tranquil existence, that I neglect my talents.

 

होली गीत माला