मै एक सत्य घटना बताने जा रहा हूँ जिसके साक्षी हमारे गांव के सभी युवा भाई हैं जो आज छठ पूजा में अपना पूरा सहयोग दे रहे है। ये २ वर्ष पहले की बात है जब हम युवा भाइयों ने छठ घाट पे एक रूम बनाने का प्रश्ताव रखा जिससे की हमारे गांव की महिला बहनो को वस्त्र बदलना सुविधा जनक हो।

उस समय याद हे मुझे हमारे गांव के कुछ पड़े लिखे लोगों ने इसे अनदेखा किया और उनके अनुसार इसकी कोई जरुरत भी नहीं है। वो लोग पुराने विचारधार में विश्वाश रखते है। ऐसी प्रतिक्रिया मिलने के बाद हमारे गांव के युवा भाई मायुश भी हो गए थे। लेकिन मेने बोला परिवर्तन ही संसार का नियम है। और अगर यह परिवर्तन सही सोच के साथ सही दिशा में किया जाय तो लोग कभी न कभी इस बात को जरूर समझत हैं।

उदाहरण स्वरुप पहले हमारे घर में शौचालय नहीं हुआ करते थे वक़्त के साथ सोच भी बदला और आज हमारे गांव के हरेक घर में शौचालय है। उसी तरह से लोग इस बात को समझेंगे की छठ घाट पे एक रूम होना आवश्यक है। लेकिन अभी के समय में लोग इस बात को महसूस कर रहे हैं की ये आवशयक है। कुछ नयी परिवर्तन को लोगों तक पूछने में और अपनाने में वक़्त लगता है।

अतः में यही कहूंगा और ये मेरी सोच भी है की जिंदगी में हमेशा नेक सोच रखो और सही दिशा में काम करने का प्रयाश करो। अगर हमारा काम या सोच सही है लोग एक ना एक दिन उस बात को समझेंगे और इसे लोग पसंद भी करेंगे।

आज मुझे ये बताते बहोत ख़ुशी हो रही है मेरे ना होने के बावजूद भी हमारे युवा भाई इस पर्व के आयोजन में उत्शाह के साथ सहयोग कर रहे हैं, जो की सराहनीय है। और में उनलोगों का भी आभार व्यक्त करना चाहूंगा जो की इस आयोजन में हमारे युवा भाइयों की निस्वार्थ मदद कर रहे हैं। छठ मां आप सभी की मनोकामना पूरी करें।

जय छठि मैया।

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